बस्तर में शांति स्थापना और विकास के लिए प्रतिबद्ध है हमारी सरकार : मुख्यमंत्री श्री साय
मुख्यमंत्री ने प्रदेशव्यापी दुधारू पशु प्रदाय योजना का किया शुभारंभ
Kondagaon// छत्तीसगढ़ ने बौद्ध धर्म से जुड़ी सुंदर स्मृतियों को अपनी अमूल्य विरासत के रूप में सहेज कर रखा है। हमारा सौभाग्य है कि भगवान बुद्ध की चेतना का प्रसार समकालीन छत्तीसगढ़ में व्यापक रूप से हुआ और बस्तर की पुण्य धरा इसके साक्ष्य मिले हैं। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज कोण्डागांव जिले के भोंगापाल में भगवान बुद्ध की जयंती के अवसर पर आयोजित बुद्ध महोत्सव और लोकार्पण व भूमिपूजन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस खास मौके पर मुख्यमंत्री श्री साय ने कोण्डागांव जिले में 94 करोड़ 18 लाख से अधिक के विकास कार्यों का लोकार्पण व शिलान्यास कर जिलेवासियों को बड़ी सौगात दी। मुख्यमंत्री और अतिथियों ने भगवान बुद्ध के छायाचित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि भोंगापाल का धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व इतना अधिक है कि आज यहां जनसैलाब उमड़ पड़ा है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने बस्तर में शांति स्थापना और विकास के लिए प्रतिबद्ध होकर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि पिछले डेढ़ वर्षो में हमने जो विकास किया है इसे आप सभी जानते है और लाभान्वित भी हो रहे हैं। हमारी सरकार ने मोदी की सभी गारंटियों को पूरा करने का काम किया है। श्री साय ने कहा कि प्रदेश के गरीब व जरूरतमंद परिवारों को हमारी सरकार ने पहले ही कैबिनेट से 18 लाख आवास स्वीकृत करने का जो सिलसिला शुरू किया था, वह अनवरत जारी है। श्री साय ने कहा कि नक्सल पीड़ित और आत्मसमर्पित नक्सलियों के लिए भी 15 हजार आवास स्वीकृत किए गए है और विशेष पिछड़ी जनजातियों के लिए भी लगातार आवास देने का काम हमारी सरकार कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की 70 लाख से अधिक माताओं बहनों को महतारी वंदन योजना की राशि नियमित रूप से दी जा रही है। सुशासन तिहार में प्रदेशव्यापी भ्रमण के दौरान अनेक माताओं बहनों ने महतारी वंदन योजना से जीवन में आए बदलावों के बारे में मुझे बताया है। नारायणपुर प्रवास के दौरान एक अबूझमाड़िया बहन ने बताया कि योजना से मिली राशि से उन्होंने सिलाई मशीन खरीदी और अब उसे अच्छी आय हो रही है। पूरे प्रदेश में महिलाओं को आर्थिक संबल मिल रहा है, जो दर्शाता है कि हम अपने उद्देश्य में सफल हो रहे हैं। मुख्यमंत्री ने हाल ही ग्राम पंचायत भवनों में शुरू हुए अटल डिजिटल सुविधा केंद्र के माध्यम से ग्रामीणों को मिल रही बैंकिंग सुविधाओं के बारे में जानकारी दी और कहा कि आने वाले एक साल में सभी पंचायतों में यह सुविधा प्रारंभ होगी।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बस्तर की प्राकृतिक सुंदरता देश विदेश में प्रसिद्ध है और इस क्षेत्र में पर्यटन बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि बस्तर में शांति स्थापित हो इसके लिए हमारे जवान नक्सलियों से डटकर मुकाबला कर रहे हैं। हमारी डबल इंजन की सरकार नक्सलियों के उन्मूलन के लिए प्रतिबद्ध है और बस्तर में शांति स्थापना के अपने संकल्प को हम पूरा करेंगे। उन्होंने कहा कि बस्तर में नियद नेल्लानार योजना के माध्यम से सुदूर इलाकों तक मूलभूत सुविधाएं पहुंचाई जा रही है। श्री साय ने कहा कि खेती से लेकर पर्यटन तक को बढ़ावा देने का काम हमारी सरकार कर रही है। इसी आशय से पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया गया है। प्रदेश सरकार युवाओं के हित में लगातार भर्तियां भी कर रही है और जल्द ही 5000 शिक्षकों की भर्ती की स्वीकृति मिल जाएगी।
कार्यक्रम में डॉ. रमन सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि”बस्तर परिवर्तन की करवट ले रहा है, अंचल में शांति की स्थापना हो रही है। उन्होंने भोंगापाल में स्थित छठवीं शताब्दी की ऐतिहासिक बुद्ध प्रतिमा और बुद्ध विहार का उल्लेख करते हुए कहा कि बस्तर में शांति के पाठ पढ़ाने वाले भगवान बुद्ध का गहरा प्रभाव रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार बस्तर के समग्र विकास के लिए समर्पित होकर कार्य कर रही है। उन्होंने राज्य सरकार के जनहितैषी योजनाओं से प्रदेशवासियों के जीवन में आ रहे सकारात्मक बदलाव का विशेष रूप से जिक्र किया। डॉ. सिंह ने कार्यक्रम के सफल आयोजन पर आयोजकों को शुभकामनाएं दीं।
