आत्मानंद स्कूल के बच्चों को ऑटो में खचाखच भरकर मवेशियों को टक्कर मारने वाले ऑटो चालक पर एफआईआर ऑटो चालक वाहन सहित फरार
सच तक 24 ने मामले को किया था उजागर
सच तक 24 न्यूज़ कोंडागांव
सोमवार की सुबह 8:00 बजे बिना कागजात के एक ऑटो में 18 बच्चे बैठकर आत्मानंद स्कूल बांसकोट की ओर जा रहे थे जहां बांसकोट में एक मोड़ ऑटो ने मवेशियों टक्कर मार दी जिसमें ऑटो सवार बच्चे घायल हुए थे। मामला बड़े राजपुर ब्लॉक के ग्राम बांसकोट का है जहां बांसकोट से 10 से 12 किलोमीटर दूर ग्राम सलना पलना एवं मारंगपुरी के बच्चों को आत्मानंद स्कूल बांसकोट में ढोया जा रहा था। इसी बीच ग्राम बांस कोट में वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गई
संस्था से जुड़े लोगों ने मामले को दबाने की पूरी कोशिश की ताकि पुलिस एवं प्रशासन को इसकी जानकारी न हो
मामला मासूम बच्चों से जुड़ा हुआ था बावजूद इसके स्कूल प्रशासन ने इसे गंभीरता से नहीं लिया और मामला उजागर न हो यह सोचकर गोपनीय रखा। घटनास्थल से तहसील कार्यालय 100 मीटर एवं पुलिस चौकी महज आधा किलोमीटर की दूरी पर स्थित है बावजूद स्कूल प्रशासन ने मामले की जानकारी न तो पुलिस विभाग को दी न बगल में स्थित तहसील कार्यालय में जाकर जानकारी दी न ही अपने ही विभाग के अधिकारियों को जानकारी देना उचित समझा जब कुछ लोगों ने सच तक 24 न्यूज़ को हादसे की जानकारी दी तब मामला प्रकाश में आया तत्पश्चात प्रशासन की आंखें खुली और तहसीलदार एवं खंड शिक्षा अधिकारी विश्रामपुरी चौकी में पहुंचकर एफआईआर दर्ज कराया स्कूल के प्राचार्य एवं शिक्षक जब 6 घंटे बाद भी पुलिस चौकी नहीं पहुंचे तब खंड शिक्षा अधिकारी कंवल सिंह पोता स्वयं प्रार्थी बनकर पुलिस के पास पहुंचे तब जाकर पुलिस ने कार्रवाई शुरू की
ऑटो हुआ जप्त, चालक के खिलाफ दर्ज हुआ मामला
सच तक 24 न्यूज़ में मामला प्रकाशित होने के पश्चात ऑटो चालक के खिलाफ पुलिस ने धारा 279 एवं 337 के तहत मामला दर्ज किया तथा ऑटो वाहन को जप्त किया गया। इस मामले से फिर से एक बार शिक्षा विभाग की गंभीर लापरवाही सामने आई है जहां 18 मासूम जिंदगियों के साथ खिलवाड़ हुआ है राहत की बात यह है कि सभी बच्चे सुरक्षित हैं मामले को लेकर पालक बेहद चिंतित थे वहीं दूसरी ओर स्कूल प्रशासन मामले को गंभीरता से नहीं ले रहा था बच्चों का प्राथमिक उपचार करके उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र विश्रामपुरी भेज कर अपने जिम्मेदारी से इतिश्री कर लिया जबकि घटना के 6 से 8 घंटे बाद भी न तो पुलिस को और न ही प्रशासन के किसी अधिकारी को मामले की जानकारी हो पाई थी मीडिया से जानकारी मिलने के पश्चात कार्रवाई हो पाई है ऐसी स्थिति में शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी पर सवालिया निशान उठ रहे हैं केवल बांसकोट ही नहीं बल्कि सभी स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर पड़ताल की जरूरत है