मुख्य मार्ग से लगे हुए जंगल में आग धधक रही थी और वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी मेला घूम रहे थे। मामला माकड़ी वन परिक्षेत्र के अंतर्गत ग्राम गहरी का है। जंगल में आग लगने की सूचना देने जब कार्यालय पहुंचे तो उनका कोई अता पता नहीं था। सड़क के बगल में ही आग लगी हुई थी जिसे कई ग्रामीण देख रहे थे जहां पर आग लगी थी वहां से महज 200 मीटर दूर पर उपवन परिक्षेत्र अधिकारी का कार्यालय एवं निवास है साथ ही वनरक्षक का भी निवास वहीं पर स्थित है किंतु उनको इस बात की खबर तक नहीं थी की जो आज धधक रही है वह कहीं भयानक रूप भी ले सकता है जब नई दुनिया संवाददाता उन अधिकारियों को सूचना देने वहां पहुंचे तो वहां ताला लगा हुआ था आसपास पूछने पर बताया गया कि यहां कोई रहता ही नहीं है यहां पदस्थ उपवन परिक्षेत्र अधिकारी कभी-कभार यहां पहुंचते हैं समीपस्थ जंगल में जाकर देखने से पता चला कि यहां पहले भी आग लग चुकी है वनमंडल अधिकारी यह दावा कर रहे हैं की सेटेलाइट से पता चलता है कि जंगल के किस क्षेत्र में आग लगी है और उस आग पर नियंत्रण के लिए वन कर्मी तत्काल पहुंचते हैं किंतु वन विभाग का यह दावा खोखला साबित हो रहा है इसके पूर्व भी बडेराजपुर क्षेत्र के मानिकपुर बाड़ागांव क्षेत्र में कई दिनों तक जंगल आग से झुलसता रहा किंतु जब वन विभाग के द्वारा आग पर नियंत्रण के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया तो ग्रामीणों ने स्वयं जाकर आग बुझाने में सफलता प्राप्त की।
