जिले में आरटीई में पात्र को अपात्र और अपात्र को पात्र बनाने का खेल
बीईओ ने एक घंटे में कर दिया जांच और दे दिया क्लीन चिट
कोण्डागांव – – -जिले में शिक्षा के अधिकार (आरटीई) में विगत 5 वर्षों से पात्र को अपात्र और अपात्र को पात्र बनाने का खेल चला है। यदि इसकी निष्पक्ष जांच की जाए तो कई लोग नप सकते हैं और गरीब पालकों को न्याय मिल सकता है। बता दे कि आरटीई के तहत गरीब बच्चों को निशुल्क शिक्षा प्रदान करने का प्रावधान है जिसमें प्राइवेट स्कूलों में भी इसके लिए संख्या निर्धारित की गई है किंतु विडंबना यह है कि वास्तविक गरीबों के बच्चों को स्कूलों में उचित लाभ नहीं मिल पाया तथा कई बच्चे आरटीई की तहत दाखिला से वंचित हो गए हैं बताया जा रहा है कि डीईओ कार्यालय में पदस्थ एक बाबू जो कि इस कार्य में मंजा हुआ है उसने प्राइवेट स्कूलों के प्राचार्यों से साथ गांठ कर जानबूझकर ऐसा किया
गरीब बच्चों के पालक जब जिला शिक्षा अधिकारी कोंडागांव के अधीनस्थ बाबू मायाराम को पूछते हैं तो वह हमेशा यही जवाब देते हैं कि समय निकल चुका है फॉर्म अब नहीं भर सकते या सीटें फुल हो गई है अब जगह नहीं बचा है। तब पालकों को समझ नहीं आता था कि इसके पीछे क्या कारण है। सूचना के अधिकार के तहत जब जानकारी निकाली गई तब है खुलासा हुआ कि जहां गरीब बच्चों का दाखिला होना था वहां अनेक शासकीय कर्मचारियों के बच्चों को जगह दी गई है इसके अलावा आयकर दाता बड़े व्यापारियों के बच्चों को दाखिला देकर पहले ही सीटें फुल कर दी जाती रही है जब इससे भी सीटें पूर्ण नहीं होते तब धमतरी जिले से बच्चों को अपने जान पहचान वालों को यहां फ्री सीट में एडमिशन होने की बात कर बुलाया गया और उन्हें भी यहां आरटीई के तहत दाखिला दिया गया मामला गंभीर है किंतु शिक्षा विभाग कोंडागांव के लिए यह कतई गंभीर नहीं है।
शिकायत पर विश्रामपुरी के बीईओ ने दिया क्लीन चिट
ऐसा ही एक मामला बड़े राजपुर ब्लॉक के होनावंडी स्थित डीएवी स्कूल में भी देखा गया जहां प्रभारी प्राचार्य की भूमिका में रह चुके प्रेमलाल के द्वारा अपात्र लोगों को आरटीई के तहत दाखिला दिया गया। सूत्रों ने बताया कि प्रेमलाल शिक्षक जो बीच-बीच में प्रभारी प्राचार्य की भूमिका में रहे तथा पूर्व प्राचार्य के सलाहकार के रूप में रहे उनके द्वारा आरटीई में गड़बड़ी की गई है जिसकी शिकायत स्थानीय लोगों के द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी को किया गया था जिसमें जांच अधिकारी के प्रमुख बीईओ विश्रामपुरी ने प्रेमलाल को एक दिन में जांच करके आश्चर्यजनक ढंग से क्लीन चिट दे दिया।
