2161 करोड़ के शराब घोटाले में कवासी लखमा के खिलाफ पूरक चालान में अहम जानकारी/
भतीजे के नाम पर सीमेंट फैक्ट्री
राज्य के पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया गया है, जिसमें उनकी अहम भूमिका का उल्लेख है. यह मामला 2162 करोड़ रुपये से अधिक के शराब घोटाले का है.
कांग्रेस नेता कवासी लखमा करीब 5 महीने से रायपुर की सेंट्रल जेल में बंद हैं और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश हुए। 1200 पन्नो का चालान ACB/EOW की विशेष अदालत में पेश किया गया.
आरोपों के मुताबिक, कवासी लखमा को 36 महीनों में अवैध सिंडिकेट के माध्यम से 72 करोड़ रुपये मिले थे. यह मामला छत्तीसगढ़ में शराब कारोबार से जुड़ा हुआ है और ईडी इसकी जांच कर रही है.
लखमा को 15 जनवरी को पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था. इससे पहले 28 दिसंबर 2024 को ईडी ने लखमा और उनके करीबियों के घरों पर छापेमारी की थी. 3 जनवरी और 9 जनवरी को भी कांग्रेस नेता लखमा से पूछताछ की गई थी. इसके बाद 15 जनवरी को पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था।
ईडी की जांच में पता चला है कि शराब की अवैध कमाई से लखमा को 64 करोड़ मिले। पूर्व मंत्री ने बेटे के लिए 1.4 और खुद के लिए 2.24 करोड़ में मकान बनाया। बहू-बेटियों समेत कई कारोबारियों के नाम 18 करोड़ का निवेश किया।
चालानके मुताबिक घोटाले से 64 करोड़ की अवैध कमाई कवासी लखमा के हिस्से में आई है। इसमें से 18 करोड़ रुपए की राशि से संबंधित निवेश और खर्च के दस्तावेजी साक्ष्य भी जांच एजेंसी को मिले हैं।
बता दें कि इस मामले में 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
शराब घोटाले की पड़ताल के दौरान खुलासा हुआ कि तत्कालीन आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने भ्रष्टाचार के लिए सबसे पहले 2019 में आबकारी नीति-2017 को ही बदल दिया। इससे उन्हें सीधा लाभ मिला।
उन्होंने आईएएस अनिल टुटेजा और कारोबारी अनवर ढेबर के साथ मिलकर सिंडीकेट बनाया। सिंडीकेट ने 4 साल में 2161 करोड़ रुपए का घोटाला किया है।
पुरैना में 2.24 करोड़ रुपए का बंगला
इसमें लखमा को कमीशन के तौर पर 64 करोड़ रुपए कैश मिले। लखमा ने भ्रष्टाचार से मिले 1.4 करोड़ रुपए से बेटे हरीश के लिए सुकमा में आलीशान मकान बनाया। खुद के लिए पुरैना में 2.24 करोड़ रुपए का बंगला बनाया। जगदलपुर में 4.1 करोड़ रुपए में सीमेंट फैक्ट्री को लीज पर लिया।
