अपनों से बगावत कर दूसरों को जिताने चले कांग्रेसी- लोगों में चर्चा का विषय
कोंडागांव सच तक 24 न्यूज#
जिले में कांग्रेसियों की गुटबाजी एवं बगावत क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है जिले के कोंडागांव विधानसभा एवं केशकाल विधानसभा में गुटबाजी इस कदर बढ़ गई थी कि विधानसभा चुनाव में केशकाल के कांग्रेसियों को यहां से हटाकर कोंडागांव विधानसभा में प्रचार के लिए भेजा गया वहीं कोंडागांव के कांग्रेस के बड़े पदाधिकारियों को दंतेवाड़ा भेजा गया था इसके बाद भी उन पर यह आरोप लगा कि दंतेवाड़ा में रहकर भी उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी मोहन मरकाम के विरुद्ध प्रचार किया था। आरोप को सही बताते हुए कोंडागांव के कांग्रेस नेता मनीष श्रीवास्तव शिशिर श्रीवास्तव एवं पाटले को कांग्रेस से निष्कासित कर दिया गया है। वहीं केशकाल में भी यह चर्चा है कि यहां कांग्रेस प्रत्याशी संत नेताम के खिलाफ कुछ लोगों ने प्रचार किया था किंतु यहां पर केशकाल में बगावत करने वालों पर कार्यवाही की संभावना नहीं दिख रही है क्योंकि यहां संगठन खेमा की पकड़ ज्यादा मजबूत है। बता दें कि केशकाल एवं कोंडागांव विधानसभा में लंबे समय से सत्ता एवं संगठन के बीच तकरार चल रही थी इसी का परिणाम है कि कांग्रेसियों ने कांग्रेस प्रत्याशी के विरुद्ध खुलकर काम किया भाजपा जो नहीं कर पाई कांग्रेसियों ने वह कर दिखाया। अब आलम यह है कि केशकाल एवं कोंडागांव दोनों विधानसभा में कांग्रेस की बदौलत भाजपा प्रत्याशी जीत के प्रति आशान्वित हैं। कुल मिलाकर स्थिति यह है कि कांग्रेस हारती है तो अपनों के कारण हारेगी जो कि कांग्रेस की फितरत में शामिल है।
बहरहाल कांग्रेसियों को 17 नवंबर को होने वाले चुनाव के लिए अलग-अलग क्षेत्र में प्रचार में भेजा गया है। देखना यह है कि अपने विधानसभा में अपनों को हराने वाले कांग्रेसी दूसरे विधानसभा में जाकर दूसरे प्रत्याशी के लिए कितना काम कर पाते हैं और क्या उन्हें जीत दिला पाते हैं या यहां से खराब छवि ले जाकर दूसरे विधानसभा में वहां के प्रत्याशी को नुकसान पहुंचाते हैं यह तो चुनाव परिणाम ही बताएगा, लेकिन अभी चर्चा जमकर है।
