स्कूल मरम्मत में कुछ लोग हुए मालामाल अब शिक्षकों पर प्रशासन का डंडा और कानून का फंदा- लोग आरटीआई से मांग रहे जानकारी
(सच तक 24 न्यूज़ कोंडागांव)
पूर्व सरकार में हुए स्कूल मरम्मत कार्य में भ्रष्टाचार एवं मनमानी को लेकर जमकर चर्चा हुई थी और यह मुद्दा चुनाव में भी छाया रहा। कांग्रेस से जुड़े हुए लोग स्कूल मरम्मत में खूब मलाई खाए। आरोप है कि स्कूलों का नाम मात्र मरम्मत किया गया अलबत्ता इसमें संलिप्त लोग अपने लिए महल बना लिए। क्षेत्र के लोगों की मानें तो स्कूलों की हालत जस की तस है दीवारों पर जो दरारे हैं वह आज भी कायम है छतों की हालत जस की तस है ।कहीं-कहीं पर सीट एवं दो चिर बोरी सीमेंट लगाकर मरम्मत का दिखावा किया गया और लाखों रुपए निकाल लिए गए। केशकाल विधानसभा अंतर्गत स्कूलों के मरम्मत की राशि कुछ लोग डकार गए और स्कूलों की हालत जर्जर ही हैं अलबत्ता इसमें संलिप्त लोगों के घर चमक रहे हैं।
इसका दूसरा पहलू यह कि उस समय सत्ता के चलते सब कुछ ठीक-ठाक था किंतु अब शिक्षकों के ऊपर प्रशासन का डंडा और कानून का फंदा चलना शुरू हो गया है। शिक्षकों ने बताया कि वे केवल हस्ताक्षर का काम किए थे बाकी सभी कार्य कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने किया था अब कुछ बुद्धिजीवी एवं आरटीआई कार्यकर्ता इस मामले की जानकारी मांग रहे हैं तो शिक्षकों के पसीने छूट रहे हैं क्योंकि शिक्षकों को न तो वैध दस्तावेज उपलब्ध कराया गया था न ही उनको बिल वाउचर की अनुमति थी। सारा कार्य तो दूसरे लोग ही कर रहे थे अब जब जांच होगी तो शिक्षकों के ऊपर ही गाज गिरेगी यह तय है जिसे लेकर शिक्षक बेहद चिंतित हैं। कुछ शिक्षकों ने सच तक 24 से चर्चा करते हुए बताया कि उस समय सत्ता से जुड़े लोगों का दबाव था जिससे वे मना नहीं कर पाए और चेक एवं अन्य दस्तावेज पर हस्ताक्षर कर दिए थे। यदि वह ऐसा नहीं करते तो भी उनके ऊपर गाज गिर सकती थी उन्हें स्कूल मरम्मत के कार्य में संलिप्त लोग बड़े नेताओं के नाम पर धमकी देते थे जिससे वह कभी मना नहीं कर पाए अब उन्हें दस्तावेज एकत्र करने में पसीने छूट रहे हैं उनके पास किसी भी प्रकार का दस्तावेज इस समय नहीं है क्योंकि वे केवल मोहरा थे अब उनसे दस्तावेज मांग किया जा रहा है ऐसी स्थिति में संबंधित शिक्षक बेहद चिंतित हैं।
