अमानक धान को वापस करने के बजाय सहकारिता अधिकारी ने कर दिया जप्त -अधिकारी ने साथ दुर्व्यवहार भी किया दे आदिवासी महिला का आरोपहै कि उनके साथ दुर्व्यवहार भी किया गया
सच तक 24 न्यूज़ कोंडागांव
एक आदिवासी महिला का धान नियम विरुद्ध तरीके से जप्त करके सहकारिता अधिकारी के द्वारा महिला को परेशान करने का मामला प्रकाश में आया है। मामला कोंडागांव जिले के बड़े राजपुर तहसील अंतर्गत धान खरीदी केंद्र बांसकोट का है जहां महिला कृषक कमितला मरकाम बेवा नोहर सिंह मरकाम निवासी ग्राम बालेंगा के द्वारा धान खरीदी नियम को पूरा करते हुए ट्रैक्टर में 192 कट्टा धान विक्रय हेतु लाया गया था। इस दिन धान खरीदी का आखिरी तारीख था बाद में शासन के द्वारा इस बढ़ाकर 4 फरवरी तक किया गया है चूंकि महिला कमितला मरकाम असहाय है उसके पति की मृत्यु हो चुकी है और घर में कोई जिम्मेदार व्यक्ति भी नहीं है जिसके चलते वह धान बेचने में असमर्थ थी ले देकर किसी तरह जुगाड़ करने के पश्चात वह अंतिम तिथि को धान बेचने पहुंची। उस वक्त धान खरीदी केंद्र में केशकाल एसडीएम अनिकेत साहू , बड़े राजपुर के तहसीलदार एस के भोई एवं सहकारिता अधिकारी संजय मंडावी उपस्थित थे। महिला अनपढ़ एवं भोली भाली है वह अधिकारियों की बात को नहीं समझ पा रही थी जिससे वह ठीक-ठीक जवाब नहीं दे पाई इसे अधिकारियों ने यह समझा कि महिला दूसरे किसी व्यापारी का धान लेकर खरीदी केंद्र में पहुंची है। महिला एवं उनके साथ आए सहयोगियों ने बताया कि उन्होंने अधिकारियों को संतुष्ट करने का प्रयास किया किंतु वे कार्यवाही के लिए एक तरफा बेताब थे शायद उनको अंतिम तिथि होने के कारण कार्यवाही का प्रकरण दिखाना था। एसडीएम एवं तहसीलदार ने सहकारिता अधिकारी को मामले की जिम्मेदारी सौंप दी और वे चले गए। महिला कृषक कमितला ने बताया कि वह संजय मंडावी के सामने धान को छोड़ने के लिए गिड़गिड़ाती रही उसने यह भी कहा कि उनका धान भले न खरीदें किंतु वापस कर दें जिससे वह धान को लेकर घर जा सके किंतु संजय मंडावी ने अमानक धान को वापस करने के बजाय अपने ही तरीके से कार्यवाही कर दिया और लैम्पस कर्मियों को कमिताला का रकबा समर्पण एवं खाता ब्लॉक करने की कार्यवाही करने का आदेश दिया कमिताला का यह भी कहना है वह अमानक धान समझ कर वापस ले जाने को तैयार थी किंतु संजय मंडावी ने धान अन्यत्र न ले जाने की बात कह कर जप्तीनामा बनवा दिया। अब कमितला दर-दर भटक रही है। उसे बैंक के कर्ज की भी चिंता है कर्ज पटाए बिना उसे दोबारा कर्ज भी नहीं मिलेगा ऐसी स्थिति में उसकी चिंता बढ़ गई है। महिला कमितला ने बताया कि धान जब्ती होने के पश्चात वह दो दिनों से बेहद चिंता ग्रस्त है उसने खाना पीना भी छोड़ दिया है जब इस संबंध में बड़े राजपुर के तहसीलदार एस के भाई को पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मैं देखता हूं क्या हो सकता है कार्यवाही करना इसलिए जरूरी था कि इस धान को कोई दूसरा व्यक्ति फिर लेकर बेचने न पहुंच जाए । जबकि धान खरीदी के नोडल अधिकारी ने उस वक्त नियम का हवाला देते हुए बताया की अमानक धान को जप्त करने का नियम नहीं है बल्कि उसे वापस करना चाहिए किंतु सहकारिता अधिकारी संजय मंडावी ने एक तरफा कार्यवाही कर दिया।
