कोंडागांव जिले में दोनों विधानसभा में प्रमुख पार्टी कांग्रेस एवं भाजपा के प्रत्याशी घोषित किया जा चुके हैं। दोनों ही सीट काफी चर्चा पर हैं क्योंकि इन सीटों पर जो प्रत्याशी हैं वह काफी चर्चित लोगों में से हैं। जहां कोंडागांव विधानसभा सीट पर पूर्व पीसीसी अध्यक्ष एवं मंत्री मोहन मरकाम एवं भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री लता उसेंडी के बीच मुकाबला होना है वहीं केशकाल में विधानसभा उपाध्यक्ष एवं आईएएस की नौकरी छोड़कर राजनीति में आ चुके पूर्व कलेक्टर नीलकंठ टेकाम के बीच सीधी लड़ाई है। यही कारण है कि बस्तर संभाग की 12 सीटों में कोंडागांव जिले की दो सीटों की चर्चा अधिक होगी। प्रत्याशियों की सूची घोषित होने से पहले ही प्रचार प्रसार का दौर शुरू हो चुका था। संभावित प्रत्याशियों को यह उम्मीद थी की टिकट उन्हें ही मिलेगी। भाजपा ने केशकाल में टिकट को लेकर अपना रुख साफ कर दिया था अब टिकट की घोषणा के पश्चात दोनों ही पार्टियों में भीतर घात को लेकर बेचैनी दिखाई दे रही है। खासकर केशकाल विधानसभा में जहां नीलकंठ टेकाम का खुला विरोध हुआ था वहीं कांग्रेस में भी संत नेताम के अपने ही कुछ लोग लंबे समय से विरोध कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में ऐसे लोगों से चुनाव के समय भीतरघात की संभावना दिखाई दे रही है। पार्टियों ने ऐसे लोगों से निपटने के लिए जहां इन पर कड़ी निगरानी रखना शुरू कर दिया है वहीं कट्टर विरोधियों को अन्य विधानसभाओं में प्रचार के लिए भेजे जाने की तैयारी चल रही है। पिछले विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस के कई नेताओं को अपना घर बार छोड़कर दूसरे प्रत्याशी के चुनाव प्रचार में जाना पड़ा था सूत्रों की मानें तो इस बार ऐसे लोगों की संख्या बढ़ सकती है।