छत्तीसगढ़ में कैसे बनेगी सरकार- कांग्रेस बीजेपी में मंथन शुरू/ टीएस सिंह देव के बयान को लेकर क्या कर रहे हैं विश्लेषक -आइए जानते हैं।
सच तक 24 न्यूज़ # छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ में 7 नवंबर एवं 17 नवंबर को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान हो चुका है। 3 दिसंबर को मतगणना होगी लेकिन इसके पूर्व कयासों का बाजार गर्म है। अलग-अलग एजेंसियों की सर्वे को लेकर कांग्रेस बीजेपी में खलबली मची हुई है। कांग्रेस अब 75 पार वाले बयान से दूर दिखाई दे रही है। इस बीच जनसंपर्क विभाग जो जानकारी दी है उसके मुताबिक 50 सीटों में महिलाओं ने ज्यादा मतदान किया है
इसके भी अपने-अपने तरीके से मायने निकाले जा रहे है। 7 नवंबर को पहले चरण के मतदान में बस्तर संभाग के भी 11 सीटों पर महिलाओं ने अधिक मतदान किया है जिसे महतारी वंदन योजना से जोड़कर देखा जा रहा है। कांग्रेसियों को भी इससे चिन्ता हुई जिसके चलते 20 सीटों में मतदान के पश्चात कांग्रेस ने गृह लक्ष्मी योजना की घोषणा कर दी । इससे लगता है सत्ता पक्ष में पहले चरण के मतदान से ही परेशान शुरू हो गई थी। बता दें कि विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस को 67 एवं भाजपा को 15 सीटें मिली थी। उस वक्त राजनीतिक पंडितों को भी यह अनुमान नहीं था कि भाजपा को इतनी कम सीटें मिलेंगी। इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्तीसगढ़ में ताबड़तोड़ सभाएं ली तथा कांग्रेस पर जमकर प्रहार किया इसका लाभ भाजपा को मिला। इसी बीच ईडी ने 508 करोड़ का मामला लाया तथा साक्ष्य भी पेश किया इसके अलावा शुभम सोनी का वीडियो भी ऐन वक्त पर आया जिससे सरकार की छवि धूमिल हुई।
महिलाओं के अधिक मतदान को लेकर सर्वे एजेंसियों ने काफी मशक्कत की क्योंकि आमतौर पर महिलाएं चुप रहती हैं अन्ततः इसके मंथन से जो जानकारी निकल कर आई है उससे भाजपा खुश नजर आ रही है। एग्जिट पोल पर 30 नवंबर तक बैन लगा हुआ है जिसके चलते सर्वे एजेंसियों के द्वारा एग्जिट पोल का खुलासा अभी नहीं किया जा रहा है। पहले चरण के मतदान में बस्तर के 11 विधानसभा में महिलाओं ने अधिक मतदान किया है जिसमें जगदलपुर केशकाल कोंडागांव भी शामिल है। छत्तीसगढ़ में कुल एक करोड़ 55 लाख 61 हजार मतदान हुआ जिसमें 77 लाख 48 हजार पुरुष एवं 78 लाख 12 हजार 631 महिलाओं ने मतदान किया। पहले चरण में 78% तथा दूसरे चरण में 77.88% कुल मिलाकर औसत 76.3 1% मतदान हुआ है जबकि 2018 में 76.88% मतदान हुआ था। नक्सल प्रभावित आदिवासी अंचल में बढ़े हुए मतदान को भाजपा अपने पक्ष में मान रही है। कांग्रेस 75 पर का नारा दे रही थी अब हालात किस कदर बदल चुकी है। इन्हीं हालातो को देखकर राजनीतिक पंडितों ने जो कयास लगाई है वह कांग्रेस के लिए अच्छी नहीं दिख रही है। इन्हीं हालातो को देखकर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री टीएस सिंह देव ने स्वयं को मुख्यमंत्री के रेस में सबसे आगे पेश कर दिया। आमतौर पर यह देखा जाता है कि मीडिया जब किसी नेता से सवाल करती है तब नपा तुला जवाब मिलता है कि पार्टी आलाकमान जिसे चाहेगी वही मुख्यमंत्री बनेगा या पार्टी जो जिम्मेदारी तय करेगी उसके लिए मैं तैयार हूं, मुझे दरी बिछाने का काम दिया जाएगा तो भी मैं कर लूंगा किंतु बाबा के बयान ने इस बार कांग्रेस के लिए समस्या खड़ी कर दी है क्योंकि विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के चेहरे पर लड़ा गया था और अब मतदान के पश्चात बाबा ने दावेदारी पेश कर दी है। राजनीतिक पंडितों का मानना है कि यदि दो से चार सीटों के अंतर से भाजपा या कांग्रेस को बहुमत मिलती है तो कांग्रेस के लिए परेशानी बनी रहेगी।
सूत्र बता रहे हैं कि भाजपा को 45 से कम सीटें मिलती है तो उस स्थिति में दूसरे दरवाजे से सरकार कैसे बनाई जाए इस पर भाजपा ने मंथन शुरू कर दिया है। इस संबंध में गृह मंत्री अमित शाह पल-पल की जानकारी ले रहे हैं वहीं कांग्रेस भी इस स्थिति में सतर्कता बरत रही है इसी के चलते जीतने वाले प्रत्याशियों को प्रमाण पत्र लेकर सीधे राजधानी बुलाया गया है। बहरहाल सबकी धड़कन तेज है। कयास लगाए जा रहे हैं लोगों से 3 दिसंबर का इंतजार नहीं हो रहा है।