April 12, 2025 1:39 pm

सोशल मीडिया :

आपसी विवाद के चलते मंदिर निर्माण का मामला हाई कोर्ट पहुंचा एक के पास अकड़ है तो दूसरे के पास पकड़

आपसी विवाद के चलते मंदिर निर्माण का मामला हाई कोर्ट पहुंचा एक के पास अकड़ है तो दूसरे के पास पकड़

( सच तक 24 न्यूज)

Kondagaon – – – मंदिर निर्माण को लेकर आपसी विवाद इतना गहराया कि मामला हाई कोर्ट पहुंच गया है. किसी के पास अकड़ है तो किसी के पास पकड़. इसी के चलते मंदिर का निर्माण रूक गया है. अब मामला उच्च न्यायालय पहुंच गया है। यही पर मामला लटक गया। मामला यह है की गायत्री मंदिर का जो जमीन है वह मुख्य सड़क से लगा है जिससे जमीन की अहमियत बढ़ना स्वाभाविक है। इस जमीन पर लंबे समय से धार्मिक आयोजन होते रहे हैं। इस जमीन को गाँव के ही सोनादई एवं सरस्वती अपनी निजी भूमि बताते हुए दस्तावेज पेश कर रहे हैं वहीं मंदिर निर्माण समिति एवं तथाकथित ट्रस्ट जो राजेश साहू एंड कंपनी ने मिलकर बनाया है उसे वह अपनी जमीन बता रहे हैँ। महत्वपूर्ण तथ्य यह है की यहां ग्रामीण तटस्थ हैं सरपंच उपसरपंच गांव के बुजुर्ग पुजारी गांयता पटेल धार्मिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने वाले लोग मामले में कहीं दिखाई नहीं दे रहे हैं। बताते चलें कि राजेश साहू एंड कंपनी एक अलग ट्रस्ट बनाकर मंदिर निर्माण का कार्य कर रही है किंतु इस पर पूरे ग्रामीणों की सहमति नहीं है। दुसरा पक्ष यह है की सोनादई एवं सरस्वती जो की परिवादी हैं का दावा है कि यह भूमि उनकी निजी भूमि है तथा इसका उनके पास दस्तावेजी प्रमाण है जबकि राजेश साहू एंड कंपनी के पास कोई वैध दस्तावेज नहीं है. इस संबंध में कुछ प्रमुख लोगों का मानना है की सरस्वती की भूमि सड़क के दूसरी तरफ है। गायत्री मिशन वालों के लिए दुर्भाग्य की बात है कि उनके पास किसी प्रकार का वैध दस्तावेज नहीं है। जिसके चलते वे कोर्ट में दमदारी के साथ खड़े नहीं हो पा रहे हैं। बता दे कि मामले में केसकाल व्यवहार न्यायालय से स्टे मिला था जिला एवं सत्र न्यायालय ने उस स्टे को हटा दिया था तत्पश्चात उच्च न्यायालय ने पुनः निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा है। इसमें एक दिलचस्प मोड़ तब आया जब अकड़ पक्ष और पकड़ पक्ष की लड़ाई में अचानक उगेश सिन्हा एंड कंपनी ने झगड़ पक्ष के रूप में मैदान में एंट्री मार दी और वहां भगवान भोलेनाथ की मूर्ति स्थापित करने के लिए नींव ठोक दी. जो राजेश साहू एंड कंपनी को नागवार गुजरा और नींव को पाट दिया गया । इस बीच मारपीट की नौबत भी आ गई। मामला पुलिस तक पहुंचा और इसी बीच पकड़ पक्ष (सोनादई) ने हाई कोर्ट से स्टे आर्डर लेकर पहुंच गई.

 

मामला तब भी सुलझाया जा सकता था किंतु जो तीसरे पक्ष उगेश सिंहा एंड कंपनी ने जो अचानक मैदान पर एंट्री मारा था कि इसी बीच पंचायत चुनाव के लिए अधिसूचना जारी हो गया. अब  महाकाल मंदिर को उगेश एंड कंपनी ने चुनावी चश्मे से देखना शुरू कर दिया हालांकि चश्मा छाप उनके विरोधी को मिल गया वहीं दूसरी ओर हाई कोर्ट का जब ऑर्डर पहुंचा तो न ये इधर के हुए न उधर के मामला न्यायालय में चल रहा है बहरहाल सरस्वती सोनादई की पकड़ मजबूत दिखाई दे रही है किंतु यह जरूरी नहीं है कि वह मामला जीत ही जाए क्योंकि न्यायालय तो न्यायालय है।

sachtak24
Author: sachtak24

Facebook
WhatsApp
Twitter
LinkedIn
Email

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *