IAS की परीक्षा प्रत्येक वर्ष हिंदी एवं अंग्रेजी माध्यम में UPSC द्वारा आयोजित किया जाता है। भारत के अधिकांश अभ्यार्थियों का सपना होता है कि वह IAS के चयन परीक्षा में सम्मिलित हो। IAS की इस परीक्षा को उत्तीर्ण कर अखिल भारतीय सेवा में चयनित हो एवं देश के विकास में अपना बहुमूल्य योगदान दे। ध्यातव्य है कि आईएएस कि परीक्षा की प्रकृति में जटिलता के साथ- साथ कुशलता की भी आवश्यकता होती है।

इसके अतरिक्त देश सेवा की भावना भी होना चाहिए। यदि कोई अभ्यर्थी परीक्षा की इस प्रकृति को समझ कर कुशलता एवं निरंतरता के साथ तैयारी करता है तो उसके चयन की संभावना अधिक हो जाती है। इस परीक्षा की प्रकृति के अनुसार अभ्यार्थी की रणनीति अधिक मायने रखती है। परीक्षा के रणनीति का निर्धारण तभी संभव है जब UPSC के परीक्षा पैटर्न को समझें एवं उसके अनुरूप अपने रणनीति को बनायें। आज हम संस्कृति IAS Coaching के जरिए जानेंगे की UPSC को हिंदी मीडियम में कैसे पार किया जा सकता है।
UPSC का परीक्षा पैटर्न
- UPSC सिविल सेवा एग्जाम को तीन चरणों में आयोजित करता है। गौरतलब है कि UPSC के इस परीक्षा के प्रत्येक चरण का अपना विशिष्ट उद्देश्य एवं अपेक्षाएं हैं,जैसे UPSC प्रारंभिक परीक्षा में तार्किक कौशल, विश्लेषणात्मक क्षमता, सामान्य जागरूकता एवं समसामयिक घटना जिसका संबंध भारत से है इत्यादि का परीक्षण बहुविकल्पीय प्रश्नों के माध्यम से करता है।
- दूसरे चरण में मुख्य परीक्षा का आयोजन किया जाता है। इस स्तर पर विषय वस्तु की सामान्य समझ,अंतर्विषयक समझ,सामान्य तकनीकी की समझ और सामान्य जीवन में नैतिकता की परख निश्तित शब्दसीमा एवं निर्धारित समय में लिखित परीक्षा के तहत करता है।
- तीसरे एवं अंतिम चरण में साक्षात्कार का आयोजन किया जाता है। साक्षात्कार के स्तर पर अभ्यार्थियों के व्यक्तित्व की जाँच मैखिक रूप से की जाती है। आयोग इस स्तर पर यह जांचने का प्रयास करता है कि अभ्यर्थी अखिल भारतीय सेवा के अनुरूप क्षमता धारित करता है या नहीं साथ ही उसका व्यवहार आम जनता के हितों के अनुरूप है या नहीं ।
- ज्ञातव्य है कि प्रारंभिक परीक्षा एक स्क्रीनिंग परीक्षा है इसमें 2 अनिवार्य पेपर शामिल हैं, जो एक ही दिन में ऑफ़लाइन मोड में दो सत्रों में आयोजित किए जाते हैं। अभ्यर्थियों का चयन मुख्य परीक्षा एवं साक्षात्कार में प्राप्त अंको को जोड़कर किया जाता है ।
UPSC परीक्षा की तैयारी की शुरुआत कैसे करें
- इस परीक्षा के लिए सबसे महत्वपूर्ण भाग पाठ्यक्रम है। इसलिए प्रत्येक अभ्यर्थी को पाठ्यक्रम का निरंतर अवलोकन करते रहना चाहिए ।
- इस परीक्षा के पाठ्यक्रम के अनुरूप अपना मूल्यांकन कर तैयारी प्रारंभ करना चाहिए।
- यदि आप तैयारी शुरु करना चाहते हैं तो सबसे पहले सामान्य समझ के लिए NCERT के किताबों का अध्ययन करें।
- इसके बाद यदि अभ्यर्थी को मानविकी विषयों की सामान्य समझ हो जाती है तो सामान्य अध्ययन से संबंधित स्टैण्डर्ड पुस्तकों का भी अध्ययन करना चाहिए ताकि विषयगत समझ विकसित हो।
- इस परीक्षा की प्रकृति डायनामिक होने के कारण समसामयिक घटनाओं एवं विश्व में होने वाले परिवर्तन को जानने के लिए समाचार पत्र,पत्रिकाओं,इंटरनेट एवं सोसल मीडिया इत्यादि से जुड़े रहना अतिआवश्यक है।
- अनुशासित जीवन इस परीक्षा के लिए आवश्यक है। इसलिए एक यथार्थवादी रणनीति के अनुसार अपने आप को निरंतर परिष्कृत करते रहें।
- इस परीक्षा में वैकल्पिक विषय की प्रमुख भूमिका होती है। इसलिए वैकल्पिक विषय का चयन इस आधार पर किया जा सकता है कि यह सामान्य अध्ययन पेपर में भी उपयोगी हो जिससे की चयन आसन हो जाए ।
- UPSC के विगत वर्षों में पूछे गए प्रश्नों का निरंतर अध्ययन करतें रहें एवं इसके आधार पर अपने तैयारी को धार देते रहे।
- इस परीक्षा में चयनित होने के लिए उत्तर लेखन का महत्वपूर्ण योगदान है।
- इस परीक्षा के तैयारी के क्रम में भटकाव और तनाव भी समय-समय पर आता रहता है। इसलिए इससे बचने एवं प्रथम प्रयास में सफल होने के लिए एक प्रतिष्ठित एवं सर्वमान्य संस्थान के माध्यम से तैयारी करना एक बेहतर विकल्प है।
UPSC की तैयारी के लिए कोचिंग संसथान का चुनाव
भारत के अनेक शहर में हिंदी माध्यम में सिविल सेवा की तैयारी कराने वाली अनेक कोचिंग संस्थान संचालित हो रही हैं। इन कोचिंग संस्थानों में से एक बेहतर कोचिंग का चयन कर पाना अपेक्षाकृत कठिन है।
फिर भी बेहतर एवं श्रेष्ठ संस्थान के कुछ मानक है जिनके आधार पर उनका चयन किया जा सकता है, जैसे –
- श्रेष्ठ,अनुभवी एवं सहयोगी शिक्षकों की उपस्थिति।
- परिष्कृत अध्ययन सामग्री जो सिविल सेवा के अनुरूप अद्यतित हो।
- शिक्षक एवं छात्र के मध्य परीक्षा के अनुरूप संवाद का होना।
- कुशल एवं तत्पर प्रबंधन ।
- बेहतर मार्गदर्शन/मार्गदर्शक टीम की उपस्थिति।
ये बिंदु अतिमहत्वपूर्ण है, जिसके आधार पर कोचिंग संस्थान का चयन करना चाहिए क्योंकि यह काफी हद तक अंतिम चयन की ओर ले जाता है। अगर हिंदी माध्यम से कोई तैयारी करना चाहता है। तो संस्कृति IAS सबसे बेहतर विकल्प है । चूँकि संस्कृति आईएएस के अलावा भारत में कोई भी ऐसा संस्थान नहीं है, जो उपर्युक्त मनकों के अनुरूप हो। संस्कृति आईएएस के बेहतर और सर्वश्रेष्ठ होने के निम्नलिखित कारण है –
UPSC हिंदी मीडियम की परीक्षा पार करने के लिए संस्कृति IAS Coaching का ही चुनाव क्यों करें?
- सिविल सेवा परीक्षा की हिंदी माध्यम से तैयारी कराने वाली भारत की सर्वोच्च एवं अनुभवी टीम यहाँ अध्यापन कार्य में संलग्न है । जहाँ एक ही नहीं बल्कि सभी अपने-अपने विषय के सर्वमान्य विशेषज्ञ माने जाते हैं ।
- अध्यापकों की सूची में श्री अखिल मूर्ति (भारतीय इतिहास ,विश्व इतिहास एवं कला संस्कृति),श्री अमित कुमार सिंह (नीतिशास्त्र, सत्यनिष्ठा और अभिरुचि),श्री ए.के. अरुण (भारतीय अर्थव्यवस्था),श्री सी बी पी श्रीवास्तव(राजव्यवस्था ,गवर्नेंस , सामाजिक न्याय एवं आंतरिक सुरक्षा),श्री कुमार गौरव(भूगोल, पर्यावरणएवं आपदा प्रबंधन),श्री राजेश मिश्रा(भारतीय राज्यव्यवस्थाएवं अन्तरराष्ट्रीय संबंध), श्री रीतेश जायसवाल (सामान्य विज्ञान, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी) आदि शामिल हैं ।
- सभी शिक्षक विगत एक से डेढ़ दशक से सिविल सेवा अभ्यार्थियों का मार्गदर्शन कर रहे हैं ।
- सबसे अच्छी बात यह है कि इन्ही अध्यापकों द्वारा छात्रों की मेंटरिंग भी की जाती है ।
यूपीएससी में सफलता के लिए संस्कृति आईएएस की रणनीति
- तैयारी के शुरुआत से ही परीक्षा के तीनों चरण (प्रारंभिक परीक्षा ,मुख्य परीक्षा एवं साक्षात्कार) रणनीति के प्रमुख केंद्र में होता है।
- प्रत्येक विषय के लिए नियत समय पर अध्यायवार उन्नत पाठ्य सामग्री एवं मैगजीन उपलब्ध कराई जाती है। एक विशेष टीम इसके अद्यतन के लिए कार्यरत है ।
- उपयोगी और गुणवत्तापूर्ण अध्ययन-सामग्री की उपलब्धता अभ्यर्थी के तैयारी को समग्रता प्रदान करता है।
- लेखन शैली को बेहतर करने हेतु निरंतर उत्तर लेखन कराया जाता है। मुख्य परीक्षा का विशेष अनुभव रखनेवाली टीम द्वारा उत्तर की जाँच की जाती है ।
- कक्षा कार्यक्रम के अतरिक्त अभ्यर्थियों से प्रत्यक्ष संवाद होता रहे ,इसके लिए मेंटरशिप जैसे कई उपयोगी प्रोग्राम संचालित किए जाते हैं।
इस प्रकार यदि कोई अभ्यर्थी उचित रणनीति एवं परिश्रम के साथ हिंदी माध्यम से आईएएस परीक्षा की तैयारी कर रहा हो साथ ही संस्कृति आईएएस के अनुभवी शिक्षकों से मार्गदर्शन प्राप्त कर रहा हो तो उसके सफल होने संभावना अत्यधिक बढ़ जाती है।
