हाई कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस ने गुंडासूची से हटाया पत्रकार का नाम
कोंडागांव सच तक 24 न्यूज
कभी-कभी यह देखा जाता है कि पुलिस कभी किसी पत्रकार के खिलाफ झूठा मामला दर्ज कर लेती है तो कभी पत्रकारों को बेवजह प्रताड़ित करती है ऐसे कई मामले प्रदेश ही नहीं बल्कि देश भर में देखने को मिलता रहा है। ऐसा ही एक मामला कोंडागांव जिले में देखने को मिला जहां जिले के विश्रामपुरी थाना अंतर्गत एक ग्रामीण पत्रकार का नाम बेवजह गुंडा लिस्ट में डाल दिया था पत्रकार ने इस संबंध में पुलिस के उच्च अधिकारियों से शिकायत की थी किंतु पुलिस अधिकारी इस पर ध्यान नहीं दिए तत्पश्चात पत्रकार ने उच्च न्यायालय बिलासपुर का सहारा लिया उच्च न्यायालय ने मामले की सुनवाई करते हुए पुलिस को 6 सप्ताह के भीतर निराकरण करने का आदेश पारित किया तत्पश्चात समयावधि में पुलिस अधीक्षक ने मामले की जांच-पड़ताल कर पत्रकार का नाम गुंडा सूची से हटा दिया. मामला काफी पुराना है उस समय पदस्थ एक थाना प्रभारी ने समाचारों से आक्रोशित होकर दुर्भावना वश षडयंत्र पूर्वक पत्रकार का नाम गुंडा सूची में डाल दिया था जबकि पत्रकार के खिलाफ कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था। सूचना के अधिकार के तहत संपूर्ण मामले की जानकारी निकाला गया तत्पश्चात ममले को उच्च न्यायालय में पेश किया गया जहां उच्च न्यायालय के द्वारा मामले में 6 सप्ताह के अंदर पुलिस को निराकरण करने का निर्देश दिया था तत्पश्चात पुलिस के द्वारा मामले का निराकरण करते हुऎ पत्रकार का नाम गुंडा सूची से हटा दिया गया तथा इसकी सूचना लिखित रूप से पत्रकार को दी गई।